Nirala Ji Ne Kis Patrika Ka Sampadan Kiya Tha :- निराला जी जिनका नाम महान कवियों में लिया जाता है और छायावाद की श्रेष्ठतम कवियों में इनकी गिनती होती है।
आप सभी ने इनकी कृतियां हिंदी की किताबों में जरूर पड़ी होगी और परीक्षा में बहुत बार यह सवाल भी पूछा जाता है, कि Nirala Ji Ne Kis Patrika Ka Sampadan Kiya Tha.
तो यदि आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें और जाने की महान कवि निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था।
निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था ? – Nirala Ji Ne Kis Patrika Ka Sampadan Kiya Tha
सन 1923 में निराला जी ने “मतवाला” नाम की पत्रिका का संपादन किया था, जिसके लिए कहा जाता है कि यह हिंदी की पहली व्यंग्यात्मक पत्रिका थी और इसी के बाद निराला जी को छायावाद की श्रेष्ठतम कवियों में गिना जाने लगा।
निराला कौन थे ?
निराला का पूरा नाम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला था। यह हिंदी साहित्य के एक महान निबंधकार, छायावाद कवि, उपन्यासकार और अग्रणी कवि थे। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी भारत ही नहीं बल्कि भारत के साथ-साथ पूरे विश्व के विख्यात कवियों में गिने जाते हैं। उन्होंने काफी सारी प्रमुख रचनाएं रची हैं, जिनमें परिमल, कुकुरमुत्ता, गीतिका और अनामिका प्रमुख रचनाएं हैं।
निराला जी का जन्म
निराला जी का जन्म बंगाल के मेदिनीपुर जिले में हुआ था। इनका जन्म 21 फरवरी सन 1899 में हुआ था। 1930 से हर साल बसंत पंचमी के दिन सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म दिन मनाया जाता है।
निराला जी की प्रथम कविता और अंतिम कविता कौन सी है ?
निराला जी ने सबसे पहला कविता संग्रह अनामिका रची थी जो साल 1923 में प्रकाशित हुई थी। निराला जी की कविता काव्य संग्रह संध्याकाकली है जो 1969 में निराला जी की मृत्यु के बाद प्रकाशित हुई थी।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रसिद्ध कविताएं कौन सी है ?
यदि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की कुछ प्रसिद्ध कविताओं की बात की जाए तो सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की लोकप्रिय व प्रसिद्ध कविताएं ध्वनि, तोड़ती पत्थर, भारती वंदना, वर दे वीणावादिनी वर दे, संध्या सुंदरी कविताएं शामिल है।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएं
ऊपर हमने Nirala Ji Ne Kis Patrika Ka Sampadan Kiya Tha के बारे में जाना, अब हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएं के बारे में जानते है।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएं काव्य संग्रह :-
- गीतिका – यह 1936 मे रची गयी थी।
- परिमल – यह 1930 में रचा गया था।
- अनामिका – यह 1923 में रचा गया था।
- तुलसीदास – 1939 में इसकी रचना की थी।
- कुकुरमुत्ता – निराला जी ने इसकी रचना 1942 में की थी।
- बेला – इसकी रचना 1946 में की गई।
- अर्चना – इसकी रचना 1950 में की गई थी।
- आराधना – इसकी रचना निराला जी ने 1953 में की।
- नए पत्ते – इसकी रचना निराला जी ने 1946 में की।
- अपरा – यह निराला जी का संचयन है।
- गीत कुंज – इसकी रचना 1954 में की गई थी।
- संध्याकाकली – इसकी रचना 1952 में की गई थी।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के प्रमुख उपन्यास रचनाएं
- उन्होंने अप्सरा उपन्यास 1931 में लिखा था।
- अलका उपन्यास की रचना 1933 में की थी।
- प्रभावती और निरुपमा की रचना 1936 में की थी।
- कुल्ली भाट की रचना 1938 से 39 के बीच में की थी।
- बिलेसुर बकरीहा की रचना 1942 में की गई थी।
- चोटी की पकड़ उपन्यास निराला जी ने 1946 में लिखा था।
- काले कारनामे की रचना 1950 में की गई थी।
- इंदुलेखा और चमेली सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी द्वारा लिखे गए उपन्यासों मे से एक हैं।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कुछ कहानी संग्रह रचनाएं
- निराला जी ने लिली कहानी 1934 में लिखी थी।
- सखी की रचना 1935 में की थी।
- सुकुल की बीवी कहानी की रचना 1941 में की थी।
- चतुरी चमार की रचना 1945 में की थी।
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने देवी कहानी 1948 में लिखी थी।
सूर्यकांत त्रिपाठी द्वारा रचित प्रमुख निबंध रचनाएं
- 1929 में रविंद्र कविता कानन निराला जी ने लिखा था।
- प्रबंध पद्य 1934 में लिखा गया निबंध है।
- प्रबंध प्रतिमा 1940 में लिखा गया था।
- चाबुक 1942 में निराला जी ने निबंध लिखा था।
- चयन और संग्रह 1963 में रखे गए प्रमुख निबंधों में से एक है।
निष्कर्ष :-
दोस्तों, आज के इस लेख में आपने जाना है, कि Nirala Ji Ne Kis Patrika Ka Sampadan Kiya Tha और साथ ही हमने इस लेख में निराला जी द्वारा रचे गए कहानी, निबंध, उपन्यास और कविताओं के बारे में भी बताया है।
यदि आप हिंदी साहित्य का शौक रखते हैं, तो इनमें से आप किसी भी रचना को पढ़ सकते हैं और साथ ही अपने जानकारों को भी recommend कर सकते हैं। यदि किसी प्रकार की किसी अन्य विषय पर भी आप जानकारी चाहते हैं, तो हमें कमेंट करके बताएं और साथ ही यह लेख आपको कैसा लगा यह भी हमें जरूर बताएं।
FAQ’S :-
Q1. निराला जी की पहली रचना कौन सी है ?
Ans. जूही की कली
Q2. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला किस युग के कवि है ?
Ans. निराला जी छायावादी युग के कवि थे।
Q3. निराला जी का पूरा नाम क्या है ?
Ans. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
Q4. निराला रचनावली कितने खंडों में प्रकाशित हुई ?
Ans. 1-8 खंडों में
Q5. निराला पुस्तक का प्रकाशन कब हुआ ?
Ans. 1992 मे
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