Parvati ke pita ka naam :- आज के इस लेख में हम हिंदू धर्म के देवी मां पार्वती के पति का नाम (Parvati ke pita ka naam) क्या है या वे कौन थे, के बारे में बताने वाले हैं।
पुराणों के अनुसार माता पार्वती धरती को संकट और पाप से मुक्ति के लिए कई बार नए-नए अवतारों में जन्म ली थी। आज हिंदू धर्म में माँ पार्वती को समर्पित कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिसमें मां पार्वती और उनके अलग अलग रूपों की पूजा आराधना की जाती है।
पार्वती कौन थी ?
पार्वती हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव जी की पत्नी और उनकी सहधर्मिणी थी, जिन्हें समस्त संसार की माता या माता पार्वती कहा जाता है, क्योंकि वह सभी प्राणियों के प्रति करुणा और भक्ति से भरी हुई है।
माता पार्वती के जीवन के अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन पुराणों और उनके अनुयायियों द्वारा किए गए लेखों में है। मां पार्वती शक्ति की प्रतिनिधि होती है और उन्हें संसार के समस्त सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है, उनकी पूजा का विधान पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है।
माता पार्वती का स्वभाव बहुत ही संयमी, सदैव, समाधान और त्यागपूर्न था, उन्हें निष्काम भाव से व्यवहार करने की शिक्षा मिली थी और वे समस्त प्राणियों के प्रति करुणा पूर्ण थी।
माता पार्वती ने भगवान शिव को अपना पति बनाने के लिए बहुत तपस्या की थी। भगवान शिव उन्हें अपनी पत्नी बनाने से पहले उनकी कई तरह की परीक्षाएं ली थी, जैसे कि उनके साथ शादी करने से पहले उन्हें संगमरमर के भंडारों में भटकना पड़ा किंतु माता पार्वती ने उन सभी परीक्षाओं को पार कर उन से विवाह किया। उनके विवाह में कई देवी-देवताओं जैसे ब्रह्मा, विष्णु आदि ने अपना आशीर्वाद दिया था।
पार्वती के पिता कौन थे ? – Parvati ke pita ka naam
माता पार्वती के पिता का नाम राजा हिमवत था तथा उनकी माता का नाम मैना था। जिन्हें देवियों के रूप में जाना जाता था। मैना का मतलब होता है, जिसमें लैश मात्रा भी अहंकार ना हो।
राजा हिमवत हिमालय के राजा थे और वे उत्तराखंड के कुल्लू जिले में निवास करते थे, जिसकी राजधानी मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित मंदावर था। राजा हिमवत धर्म और नैतिकता को बहुत महत्व देते थे तथा उनका जीवन धर्म शास्त्र और वेदों के अनुसार निर्मित था।
राजा हिमवत का मतलब होता है, हिमालय का वहन या हिमालय के स्वामी। इन्हें पर्वतराज हिमालय, दक्ष प्रजापति, तथा हिमांचल के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार ऐसा कहा जाता है, कि राजा हिमवत का एक बहुत बड़ा संग्रहालय था, जिसमें सुंदर रत्न और मूर्तियां रखी हुई थी।
राजा हिमवत के वंशजों में अनेक प्रसिद्ध ऋषि और संतो के नाम शामिल है। उनके घराने से अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया था। जैसे कि-
वशिष्ठ – राजा हिमवत के वंशज और महर्षि के पुत्र थे। वशिष्ठ ब्रह्मा के मानस पुत्र थे और उन्हें ब्रह्मा के पुत्रों में से एक माना जाता है।
श्रृंगी – राजा हिमवत के वंशज और ऋषि, श्रृंगी के पुत्र थे। श्रृंगी वह ऋषि थे, जिन्होंने जब तक अपनी वाल्मीकि रामायण के बाद महाभारत का अनुवाद नहीं किया था, तब तक महाभारत उनके लिए सबसे बड़ी महिमा थी।
पराशर – ये राजा हिमवत के वंशज और महर्षि वशिष्ठ के पुत्र थे। पराशर वह ऋषि है, जिन्होंने वेदव्यास को जन्म दिया था।
पार्वती का असली नाम क्या है ?
पार्वती का असली नाम या यू कहे तो पार्वती का दूसरा नाम उमा है। उमा शब्द संस्कृत भाषा में उम्मीद या आशा का मतलब होता है। उमा को धार्मिक एवं सांस्कृतिक विवेक में बहुत उच्च महत्व दिया जाता है।
उमा के अलावा माता पार्वती के कई अन्य नाम भी और इन नामों से ही उन्हें आज भी जाना जाता है। उमा के अलावा माता पार्वती को गौरी, शक्ति, दुर्गा, काली, हिमावती, शिवानी, पार्वती जगदंबा वैष्णवी चंडिका ब्रह्मचारिणी शैलपुत्री आदि नामों से जाना जाता है।
इन नामों का इस्तेमाल उनकी विभिन्न गुणों और प्रकृति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए – माता पार्वती को दुर्गा के नाम से जाना जाता है, यह नाम उन्हें तब मिला जब उन्होंने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था।
जब उन्होंने रोग एवं बुराई के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और अपने क्रोध का नया रूप दिखाया था, तब उन्हें काली नाम से जाना जाता है। इसके अलावा जब वह हिमालय की रानी के रूप में जानी जाती है, तब उन्हें हीमावती के नाम से जाना जाता है।
मां पार्वती के पति कौन है ?
मां पार्वती के पति भगवान शिव है। भगवान शिव हिंदू धर्म के मुख्य देवता हैं, जिन्हें तीन मूर्तियों में से एक माना जाता है, जिसमें वह सृष्टि के देवता ब्रह्मा और प्रलय के देवता विष्णु के साथ एकत्रित होते हैं।
भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है जैसे भोलेनाथ, नीलकंठ, महादेव, शंकर, त्रिकाल, महाकाल, रूद्र आदि। भगवान शिव के स्वरूप में उन्हें आदि, मध्य और अंत के संसार के संचालक के रूप में माना जाता है। उन्हें संयमी, त्यागी, तपस्वी, धर्मात्मा,ध्यानी और दंत धारी जैसे गुणों से भरपूर माना जाता है।
भगवान शिव को जटाधारी भी कहा जाता है, क्योंकि भगवान शिव की प्रसिद्ध पहचान उनकी जटाओं से ही होती है। उनके जट बहुत बड़े होते हैं, जिन्हें समेटने में काफी लंबा समय लगता है।
इतना ही नहीं ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की जटाओं से गंगा नदी निकली थी और उसे धरती पर लाने के लिए उन्होंने अपने बलिदान का त्याग भी किया था। भगवान शिव के अंदर एक बहुत ही शक्तिशाली विश होता है, जो उन्हें नीलकंठ बनाता है।
एक बार देवताओं और असुरों के मध्य हुए समुंद्र मंथन जब हलाहल निकला तो भगवान शिव ने उसे पी लिया था,इससे उनका गला नीला पड़ गया था और तब से ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना जाता है।
मां पार्वती और शिव भगवान के कितने संतान थे ?
मां पार्वती और भगवान शिव के 2 पुत्र थे, जिनमें सबसे बड़ा पुत्र गणेश जी हैं, जिन्हें विघ्नहर्ता और वक्रतुंड के नाम से भी जाना जाता है। जिसका मतलब होता है सभी कष्टों और बाधाओं को हरने वाला। उन्हें शुभकारी भी माना जाता है, जिसका मतलब होता है सभी शुभ कामों में सफलता प्रदान करने वाला।
मां पार्वती का दूसरा पुत्र कार्तिकेय, संकद या मुरूगन इन्हें सभी देवी देवताओं के सेनापति के रूप में जाना जाता है। उन्हें संयुक्त रूप से शंख चक्र धर कहा जाता है, जिसका मतलब होता है शंख और चक्र धारण करने वाला।
FAQ’S:-
Q1. मां पार्वती के पति का नाम क्या है ?
Ans - पार्वती के पति का नाम भगवान शिव हैं।
Q2. मां पार्वती के कितने पुत्र हैं ?
Ans - मां पार्वती के 2 पुत्र हैं - गणेश और कार्तिकेय।
Q3. माता पार्वती किसकी बेटी थी ?
Ans - मां पार्वती पर्वतों के राजा हिमवत और मैना देवी की बेटी थी।
Q4. पार्वती जी का दूसरा नाम क्या है ?
Ans - पार्वती जी का दूसरा नाम जगदंबा दुर्गा भवानी काली शिवानी वैष्णवी तपस्विनी आदि है
Q5. शिव की पहली पत्नी कौन है ?
Ans - शिव की पहली पत्नी सती थी। जिनका बाद में मां पार्वती के रूप में पुनर्जन्म हुआ और वे शिव की दूसरी पत्नी बनी।
निष्कर्ष :-
आज का यह लेख यहीं पर समाप्त होता है आज के इस लेख में हमने आपको मां पार्वती के पति का नाम (Parvati ke pita ka naam) क्या है और उनसे संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।
हमने यहां मां पार्वती को समर्पित त्योहारों के नाम और उनसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कथाओं पर भी बात की है। उम्मीद करते हैं, आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा और इस लेख से काफी कुछ नई जानकारी मालूम हुई होगी।
यदि इस लेख में दी गई जानकारी से आपको कोई समस्या हो या आप इससे संबंधित हमे कोई राय देना चाहते हैं, तो आप बेहिचक नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
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