Mitochondria ki khoj kisne ki :- अगर आप माइटोकांड्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है।
यहाँ आपको बताया जायेगा कि माइटोकांड्रिया क्या है ?, Mitochondria ki khoj kisne ki और यह हमारे शरीर में किस प्रकार कार्य करती है, ताकि आपको माइटोकांड्रिया के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो, तो आइये इस लेख में दी गयी जानकारी को पढ़ना प्रारम्भ करते है।
माइटोकांड्रिया क्या है ?
माइटोकांड्रिया एक प्रकार का सेल ऑर्गनेल है जो प्राथमिकतापूर्वक यौगिकों के उपयोग से ऊर्जा उत्पादित करता है। माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिकाओं का पावरहाउस कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकाओं को ऊर्जा उत्पादन करने में मदद करता है।
यह एक छोटी, अपरिमित संरचना है जो कोशिकाओं में मौजूद होती है और ऊर्जा संचय करती है। माइटोकॉन्ड्रिया का महत्वपूर्ण कार्य है वायुमंडल से ऑक्सीजन और भोजन को उपयोग करके एडेनोसाइन ट्राइफ़ॉस्फेट ( एटीपी ) नामक ऊर्जा संचय करना।
अब आपने जाना कि माइटोकांड्रिया क्या होता है आइये अब जानते है कि mitochondria ki khoj kisne ki थी।
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की ? – Mitochondria ki khoj kisne ki
माइटोकॉन्ड्रिया की खोज सन् 1857 में अल्बर्ट वॉन कोलिकर ( Albert Von Kolliker ) द्वारा की गई थी। वे एक स्विस एनाटोमिस्ट और फिज़ियोलॉजिस्ट थे। कोलिकर ने खुदरा कोशिकाओं में छोटी गोलाकार विलोट्स ( granules ) की तलाश करते समय माइटोकॉन्ड्रिया की खोज की। उन्होंने इन विलोट्स को समझा और इसे एक अलग उपकोशिका में पहचाना जिसे उन्होंने ” माइटोकॉन्ड्रिया ” के नाम से संकेतित किया।
माइटोकांड्रिया का मुख्य कार्य होता है एडेनोसाइन ट्राइफोस्फेट ( ATP ) उत्पादन करना, जो सेल के ऊर्जा संचय का मुख्य स्रोत है। यह ऊर्जा संचय करके माइटोकांड्रिया ऊर्जा की आवश्यकता पर आवश्यकता के अनुसार इसे जारी करता है।
दोस्तों अब आपने mitochondria ki khoj kisne ki thi इसके बारे में जान ही लिया होगा आइये जानते है कि यह कहाँ पायीे जाती है।
माइटोकांड्रिया कहाँ पाए जाते है ?
माइटोकांड्रिया हमारे शरीर के कई स्थानों में पाए जाते हैं। ये विभिन्न कोशिकाओं में स्थापित होते हैं और वे प्रमुख रूप से निम्नलिखित स्थानों में पाए जा सकते हैं :
सामान्य कोशिकाएँ: माइटोकांड्रिया सामान्य रूप से हर कोशिका में पाए जाते हैं। ये कोशिकाएँ शरीर के विभिन्न ऊर्जा के आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए माइटोकांड्रिया का उपयोग करती हैं।
अतिरिक्त संरचित कोशिकाएँ: कुछ विशेष संरचित कोशिकाओं में, जैसे कि शिरा कोशिकाएँ, गर्भाशय कोशिकाएँ, दिल के कोशिकाएँ, और किडनी कोशिकाएँ, माइटोकांड्रिया की अधिक संख्या होती है। यहाँ उच्च ऊर्जा आवश्यकताएं होती हैं और माइटोकांड्रिया अधिक संख्या में मौजूद होते हैं ताकि यहाँ ऊर्जा उत्पादन का अधिक मात्रा हो सके।
प्रतिरक्षा प्रणाली: माइटोकांड्रिया शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें लंगुएजिनल टूनस, कुपोषण रोधक पदार्थ और विषाक्त पदार्थों से लड़ने में सहायता मिलती है।
संश्लेषण संबंधी कोशिकाएँ: कुछ कोशिकाएँ, जैसे कि किडनी कोशिकाएँ, पचनतंत्र की कोशिकाएँ और त्वचा की कोशिकाएँ, में माइटोकांड्रिया की अधिक संख्या होती है। ये कोशिकाएँ विशेष रूप से अपने कार्यक्षमता के लिए माइटोकांड्रिया का उपयोग करती हैं, जैसे कि विषाक्त पदार्थों का नष्ट करना और ऊर्जा उत्पादन करना।
Mitochondria ki khoj kisne ki और यह कहाँ पायी जाती है, इसे जानने के बाद आइये जाने कि इसके मुख्य कार्य क्या है।
माइटोकांड्रिया के मुख्य कार्य
माइटोकांड्रिया का मुख्य कार्य है – ऊर्जा उत्पादन करना। यह कोशिकाओं में ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करता है। यह ऑक्सीजन और भोजन के ऑक्सीडेशन प्रक्रिया के माध्यम से एटीपी ( एडेनोसाइन ट्राइफ़ॉस्फेट ) नामक ऊर्जा संचय करता है। एटीपी एक प्राथमिक ऊर्जा पदार्थ है जो कोशिकाओं के लिए आवश्यक होता है और उन्हें सक्रिय बनाने में मदद करता है।
माइटोकांड्रिया का एक और महत्वपूर्ण कार्य है कैसेड ( cascades ) की उत्पत्ति करना। यह कार्यक्रम कोशिकाओं के भीतर विभिन्न रसायनिक प्रतिक्रियाओं को संचालित करने में मदद करता है। माइटोकांड्रिया अपनी अंतःस्थलीय संरचना के द्वारा इस कार्य को संभालता है और सेल के अद्वितीय कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
तो मित्रो अब तक आपको mitochondria ki khoj kisne की थी यह जानकारी पढ़ ही ली होगी अब बात करेंगे कि यह किस प्रकार ऊर्जा उत्पन्न करती है।
माइटोकांड्रिया किस प्रकार ऊर्जा उत्पन्न करते है ?
माइटोकांड्रिया, एक परमाणुरूपी अंगभूति, ऑक्सीजन और भोजन से ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसका मुख्य कार्यक्षेत्र ऑक्सीडेटिव फ़ॉस्फ़ोरिलेशन नामक प्रक्रिया है।
यह प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों से मिलकर में होती है। पहले चरण में, ऑक्सीजन की मौजूदगी में भोजन जैसे खाद्य पदार्थों को उबाल के ग्लूकोज को उत्पन्न करता है। दूसरे चरण में, ग्लूकोज को पाइरुविक अम्ल नामक पदार्थ में परिवर्तित किया जाता है। तीसरे चरण में, पाइरुविक अम्ल ऑक्सीजन की मौजूदगी में जलकर कार्बन डाईऑक्साइड को उत्पन्न करता है। यह प्रक्रिया अपने दौरान ऑक्सीजन के साथ एटीपी नामक ऊर्जा संचय करती है।
जैसा कि आपको बताया गया कि माइटोकांड्रिया किस प्रकार ऊर्जा उत्पन्न करती है और mitochondria ki khoj kisne की अब बात करेंगे कि एक कोशिका में कितने माइटोकांड्रिया होते है।
एक कोशिका में कितने माइटोकांड्रिया होते है ?
एक कोशिका में आमतौर पर अनेक माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं, लेकिन इनकी संख्या कोशिका के प्रकार और आवश्यकताओं पर निर्भर करती है। कुछ कोशिकाओं में केवल कुछ ही माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं, जबकि अन्य कोशिकाओं में हजारों तक माइटोकॉन्ड्रिया हो सकते हैं।
ज्यादातर माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका के निकट रहते हैं और उसके ऊर्जा के आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इस प्रकार कोशिका में माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या संयोज्य रूप से निर्धारित होती है और यह कोशिका के ऊर्जा वितरण को संतुलित रखने में मदद करता है।
मित्रों जैसा कि अब आपको यह ज्ञात हो गया होगा कि mitochondria ki khoj kisne की थी। तो आइये अब जानेगें कि माइटोकांड्रिया को प्रभावित करने वाले कारक क्या है।
माइटोकांड्रिया को प्रभावित करने वाले कारक
माइटोकांड्रिया को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं :-
ऊर्जा संतुलन: माइटोकांड्रिया को ऊर्जा संतुलन के लिए जरूरी हैं। ऊर्जा संतुलन के बिना, माइटोकांड्रिया उच्चतम स्तर पर ऊर्जा उत्पादन नहीं कर सकते हैं।
ऑक्सीजन: माइटोकांड्रिया को ऑक्सीजन की आपूर्ति चाहिए ताकि यह ऊर्जा उत्पादन कर सके। ऑक्सीजन के अभाव में, माइटोकांड्रिया ठंडाई प्रक्रिया ( जिसे ऑक्सीडेशन कहा जाता है ) में कमी करते हैं और ऊर्जा उत्पादन में कमी होती है।
विटामिन बीए: विटामिन बीए माइटोकांड्रिया के ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे बीए कोएंजाइम आपूर्ति के रूप में भी जाना जाता है जो माइटोकांड्रिया के ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
FAQ’S:-
प्रश्न 1 – Mitochondria ki khoj kisne ki thi ?
उत्तर - माइटोकॉन्ड्रिया की खोज सन् 1857 में अल्बर्ट वॉन कोलिकर ( Albert Von Kolliker ) द्वारा की गई थी।
प्रश्न 2 – माइटोकांड्रिया कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर - माइटोकांड्रिया निम्न प्रकार की होती है, मेगामाइटोकांड्रिया, मिनीमाइटोकांड्रिया, सयुक्त माइटोकांड्रिया, न्यूक्लियर माइटोकांड्रिया
प्रश्न 3 – माइटोकांड्रिया कहाँ पायी जाती है ?
उत्तर - माइटोकांड्रिया सभी युक्तकोशिकाओं में पाई जाती हैं। यह शरीर के विभिन्न ऊतकों और अंगों में स्थानांतरित होती हैं। सबसे अधिक माइटोकांड्रिया मुख्य ऊतकों जैसे मस्तिष्क, हड्डियाँ, पित्ताशय, यकृत और इंसुलिन सेल्स में पाई जाती हैं।
प्रश्न 4 – माइटोकांड्रिया क्या कार्य करती है ?
उत्तर - माइटोकांड्रिया का मुख्य कार्य होता है, कोशिका के लिए ऊर्जा उत्पादन करना। इसे "कोशिकाओं का पावर हाउस" भी कहा जाता है।
प्रश्न 5 – माइटोकांड्रिया को प्रभावित करने वाले कारक क्या है ?
उत्तर - माइटोकांड्रिया को प्रभावित करने वाले कारक आरबीएक्स, ऊर्जा संश्लेषण पदार्थ, हार्मोन्स आदि प्रमुख कारक है।
निष्कर्ष :-
इस लेख के अंतर्गत आपको बताया गया कि माइटोकांड्रिया क्या है, mitochondria ki khoj kisne ki और यह कहाँ पायी जाती है जिसे पढ़ने के बाद अब आपको इस विषय के बारे में काफी जानकारी प्राप्त हो गयी होगी।
उम्मीद करते है यह लेख आपके मन में उठे सभी प्रश्नों के उत्तर दे पाने में मददगार साबित हुआ होगा यदि आप आगे भी ऐसी ही रोचक जानकारियों को पढ़ना चाहते है तो इस वेबसाइट को विजिट करते रहे।
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