May 10, 2024
Ganga nadi kahan se nikalti hai

गंगा नदी कहां से निकलती है ? – Ganga nadi kahan se nikalti hai

Ganga nadi kahan se nikalti hai :- दोस्तों, आप लोगों को अच्छे से मालूम होगा, कि भारत देश में गंगा नदी को कितना पवित्र नदी माना जाता है और भारत देश के अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी बहती है मगर क्या आपको मालूम है, कि आखिर गंगा नदी किस पर्वत श्रृंखला से निकलती है और इनका उत्पत्ति कहां से होता है।

अगर आपका जवाब ना है और आप जानना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे। क्योंकि इस लेख में हम गंगा नदी से जुड़ा हर एक जानकारी प्राप्त करने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं, इस लेख को बिना देरी किए हुए।


गंगा नदी कहां से निकलती है ? – Ganga nadi kahan se nikalti hai

गंगा नदी भारत के महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। गंगा नदी का उद्गम स्थल अलकनंदा और भागीरथी नदी से मिलकर बनता है। उत्तराखंड में गंगोत्री नाम के स्थान से गंगा नदी निकलती है।

जैसा कि हमने जाना कि गंगा नदी भागीरथी और अलकनंदा दो नदियों से मिलकर बनती है और इसकी प्रधान शाखा भागीरथी है। यह गढ़वाल में बसे हिमालय के गोमुख नाम की गंगोत्री हिमनद अर्थात ग्लेशियर से निकलती है।

गंगा के उद्गम स्थल की ऊंचाई लगभग 3140 मीटर है। यहां पर गंगा देवी को समर्पित एक मंदिर भी बनाया गया है। गंगोत्री तीर्थ शहर से लगभग 19 किलोमीटर पर है और 3892 मीटर की ऊंचाई पर गंगोत्री का हिमनद है।

गंगोत्री का मुख्य हिमनद लगभग 4 किलोमीटर चौड़ा और 25 किलोमीटर लंबा है तथा 40 मीटर ऊंचा है। भागीरथी एक छोटे से गुफा के आकर के मुख से निकलती है और इसके जल का स्रोत पांच हज़ार मीटर ऊंचाई पर स्थित एक घाटी है।


गंगा नदी कैसे बनती है ?

गंगा नदी पांच छोटी और छह बड़ी धाराओं के मिलने से बनती है। अलकनंदा की सहायक नदियां विष्णु गंगा, धौली गंगा और मंदाकिनी है। धौली गंगा और अलकनंदा का संगम स्थल विष्णुप्रयाग है। मंदाकिनी नदी और अलकनंदा का संगम स्थल नंदप्रयाग है।

अलकनंदा नदी का कर्ण गंगा से संगम कर्णप्रयाग में होता है। रुद्रप्रयाग, मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का संगम स्थल है। अलकनंदा नदी व भागीरथी देव प्रयाग में संगम करती है और इन सभी नदियों की धाराएं मिलकर आगे गंगा नदी के नाम से प्रवाहित होती है। यह 5 प्रयगों से मिलकर बनती है इसलिए इसे पंच प्रयाग भी कहा जाता है।


गंगा नदी का संक्षिप्त वर्णन

यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह उत्तराखंड हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी तक बहती है। भारत देश में गंगा केवल एक नदी ही नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक आस्था का आधार भी है।

इस नदी की अधिकतम गहराई 100 फीट है। गंगा नदी सहायक नदियों के साथ मिलकर लगभग 1000000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का विशाल उपजाऊ मैदान बनाती है। भारत में गंगा नदी की उपासना देवी और मां के रूप में की जाती है। गंगा नदी के प्रति विदेश के साहित्य में भी वर्णन किए गए हैं।

गंगा नदी में सर्पो और मछलियों की अनेकों प्रजातियां पाई जाती है। इस में मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉल्फिन भी पाए जाते हैं। गंगा नदी पर्यटन, कृषि, उद्योगों और साहसिक खेलों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है और अपने तट पर बसे हुए शहरों के लिए जलापूर्ति भी करती है।

गंगा नदी के तट पर बसे हुए तीर्थ और धार्मिक स्थल भारतीय सामाजिक व्यवस्था के एक अभिन्न अंग है। इसके ऊपर बने बांध, नदी, परियोजनाएं भारत में बिजली तथा पानी से संबंधित पूरा करती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि गंगा नदी के पानी में बैक्टीरियोफेज नाम के विषाणु होते हैं जो जीवाणु तथा अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। भारत सरकार द्वारा इस नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी तथा प्रयागराज और हल्दिया के बीच के जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है।


गंगा का सुंदरबन डेल्टा

गंगा का सुंदरबन डेल्टा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी से लगभग 1000 वर्षों से बनता आ रहा है। यह समतल मैदान की तरह है। सुंदरबन डेल्टा में भूमि की ढाल कम होने की वजह से यहां पर गंगा बहुत धीमी गति से बहती है और अपने साथ लाई मिट्टी को मोहाने पर जमा कर देती है जिससे डेल्टा का आकार बढ़ता जाता है और नदी की कई धाराएं और उपधाराएं बन जाती है।


गंगा की सहायक नदियां

गंगा नदी में बाएँ ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियां कोसी, रामगंगा, गंडक, काक्षी और करनाली नदी है तथा दाएं ओर से आकर आने वाली प्रमुख नदियां चंबल, सोन, यमुना, दक्षिणी टोंस, केन और बेतवा है। यमुना नदी गंगा नदी की सबसे प्रमुख सहायक नदी है।


गंगा में पाए जाने वाले जीव जंतु 

गंगा नदी में 140 प्रजातियां मछलियों की, 36 प्रजातियां सरीसृप की और इसके तट पर 42 प्रजातियां स्तनधारियों की पाई जाती है। गंगा नदी के किनारे पर बसे पर्वतीय इलाकों में लाल बंदर, लंगूर, भूरे भालू, हिरण, बर्फीले चीते, लोमड़ी भौंकने वाले हिरण, कस्तूरी मृग, सांभर, साही आदि काफी संख्या में मिलते हैं।

यहां पर अलग-अलग विभिन्न प्रकार के कीट और रंग बिरंगी तितलियां पाई जाती है। इसके अलावा गंगा नदी में शार्क पाई जाती है। गंगा में डॉल्फिन की दो प्रजातियां पाई जाती है जिन्हें इरावडी डॉल्फिन और गंगा डॉल्फिन के नाम से जाना जाता है।


गंगा नदी पर बने बांध एवं नदी परियोजनाएं

गंगा नदी पर बहुत से बांध बने हैं जो भारतीय जनजीवन तथा अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। गंगा नदी पर बने बांधों में प्रमुख फरक्का बांध, भीमगोड़ा बांध तथा टिहरी बांध प्रमुख है।

फरक्का बांध भारत के पश्चिम बंगाल में बनाया गया है। गंगा नदी पर टिहरी विकास परियोजना के अंतर्गत टिहरी बांध बनाया गया है जो कि उत्तराखंड में स्थित है। यह बांध गंगा नदी की प्रमुख सहायक भागीरथी नदी पर बनाया गया है।

गंगा नदी पर बनाया गया तीसरा प्रमुख बांध भीमगोडा बांध है। यह हरिद्वार में स्थित है। इस बांध को अंग्रेजो के द्वारा गंगा नदी के पानी को विभाजित करके ऊपरी गंगा नहर में मोड़ने के लिए बनवाया गया था।


FAQ,S :-

Q1. भारत में गंगा नदी कहाँ से निकलती है ?

Ans. भारत में गंगा नदी कई जगह से निकलती है, जैसे कि :- हिमनन्द, नंदा देवी पर्वत, नंदा कोट, केदार और इत्यादि।

Q2. गंगा नदी समुद्र में कहाँ मिलती है ?

Ans. गंगा नदी सभी जगहों से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है और वहां पर समुद्र से मिलती है और उस 
जगह को गंगा सागर कहा जाता है।

Q3. गंगा नदी कितने देशों में बहती है ?

Ans. वैसे तो गंगा नदी भारत के कई राज्यों से होते हुए कई अलग-अलग देशों में भी जाती है, मगर उस 
देश में गंगा नदी का नाम कुछ और होता है।

Q4. गंगा नदी का दूसरा नाम क्या है ?

Ans. गंगा नदी को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि :- देवनदी,  अमरतरंगिनी, 
सुरसरि, सुरधुनि, स्वर्गापगा, भागीरथी, मंदाकिनी, देवपगा, त्रिपथंगा, जाह्नवी, विक्षुपगा, सुरसरिता और नदीश्वरी.

[ Conclusion, निष्कर्ष ]

दोस्तों हम उम्मीद करते हैं, कि आप हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख Ganga nadi kahan se nikalti hai को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़ चुके होंगे और इस लेख के माध्यम से आप जान चुके होंगे कि आखिर गंगा नदी की उत्पत्ति कहां से होती है और गंगा नदी किन किन पर्वत श्रृंखलाओं से निकलती है।

अगर आपके मन में गंगा नदी से जुड़ा अभी भी कोई सवाल है, तो आप नीचे में दिए गए कमेंट बॉक्स में मैसेज करके पूछ सकते हैं, हमारी समूह आपके सवालों का जवाब अवश्य देगी।


Also Read :- 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *